गुलज़ार साहब और मैं!

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मेरी ज़िन्दगी का सफर गुलज़ार साहब के संग...!!

“जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर 

आँखों पे खींचकर तेरे आँचल के साए को

औंधे पड़े रहे कभी करवट लिये हुए” (सुनिये)

क्या जिंदगी और खूबसूरत हो सकती है? गुलज़ार साहब के गीतों से भी सुन्दर?

मुझे ये याद ही नहीं कि गुलज़ार साहब मेरी जिंदगी में कब दाख़िल हुए । संगीत और बॉलीवुड से प्यार करने वाले घर में पली-बढ़ी मैं, बचपन से ही खूबसूरत गानों से घिरी थी...किशोर दा, रफी जी, आशा जी की सुरीली आवाजों ने मेरे दिन-रात मधुर कर दिए थे। मैं हमेशा गानों मै खोई रहती थी और मेरे पुराने गानो की पसंद पर मेरे दोस्तों को आश्चर्य होता था।

गुलज़ार साहब की मेरी सबसे पुरानी यादों में से एक हैं यह गाना, 'आने वाला पल (सुनिये) जो मेरा और मेरे पापा का बहुत ही पसंदीदा गाना रहा है ...और उसके बाद मेरे मनपसंद गानों में गुलज़ार साहब के गीत हमेशा ही रहे हैं। बहुत सालों बाद मुझे ये एहसास हुआ कि ये गीत मुझे इनके बोल की वजह से पसंद थे। गुलज़ार साहब के कारण मैं गीतों के शब्दों से जुड़ी। गाना सुनते वक़्त मुझे शब्द पहले सुनाई देते है, संगीत बाद में।

उनकी कविताएं जिंदगी के छोटे से छोटे पहलु को खूबसूरत बनाकर हमारे सामने रख देती है। बचपन की मासूमियत, गहरी दोस्ती, युवा दिलों की प्यार भरी नोक झोंक, रूठना, मनाना.... छोटे से छोटा एहसास, जिसे हम रोजमर्रा की जिंदगी में महसूस करना भूल जाते हैं, उनके गीतों में खिल उठता है। इसीलिए, मेरी जिंदगी के हर भावुक उतार-चढाव से गुलज़ार साहब का कोई ना कोई गाना जुड़ा हुआ है।

“आप की आँखों में कुछ महके हुए से राज़ है

आपसे भी खूबसूरत आपके अंदाज़ हैं” (सुनिये)

इस गाने से आप मुझे आज भी मोह सकते हैं।

“मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है” (सुनिये)

यह गाना मुझे ऐसे रिश्ते की याद दिलाता है जिसे मैंने करीब से टूटते देखा हैं।

फिर, समय बीता और जिम्मेदारियाँ बढ़ती गयी, पर गुलज़ार साहब का साथ हमेशा बना रहा, उनके मधुर गानों के रूप में।

“जीने के लिए सोचा ही नहीं दर्द सँभालने होंगे

मुस्कुराये तो मुस्कुराने के क़र्ज़ उतारने होंगे” (सुनिये)

यदि आपको लगता है कि गुलज़ार साहब सिर्फ जीवन की वास्तविकता या गंभीर विषय पर ही कविता और शायरी लिखते हैं, तो आप गलत हैं! 'जिया जले', 'दिल तो बच्चा है जी', 'कजरा रे', 'बीड़ी जलइ ले' (हां, यह गुलजार ही है) यह सारी गुलज़ार साहब की कलाकृतियां हैं। हम ये सोचने पर मजबूर हो जाते हैं, कि क्या ये सारे गीत एक ही व्यक्ति ने लिखे है? हर गाने के साथ, उनका अलग पहलु सामने आता है। मैं गुलज़ार साहब के गानों की विशेषज्ञ होने का दावा नहीं करती हूं और न ही इनकी गहराइयों को समझने का। लेकिन, जब बात प्यार की हो, तो मैं उनके बारे में लिखे बिना नहीं रह सकती। उनके गाने मेरी जिंदगी का एक खूबसूरत हिस्सा है।

ओह, क्या आपको लगता है कि मैं उनकी गैर फिल्मी कविताओं का उल्लेख करना भूल गई? नहीं, वो कहानी फिर कभी।

तब तक के लिए यह छोटी सी पेशकश -

“आदतन तुमने कर दिये वादे

आदतन हमने ऐतबार किया

तेरी राहों में बारहा रूककर

हमने अपना ही इंतज़ार किया

अब ना माँगेंगे ज़िन्दगी या रब

ये गुनाह हमने एक बार किया”

आशा है, आपकी जिंदगी 'गुलज़ार' हो। वैसे, आपका पसंदीदा गाना कौनसा है?

~ Muffin

Team Bun Maska Corner is thankful to our friend Dr Shraddha Goswami for this beautiful Hindi translation of this article.

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